Sanskrit Version Of "Jahan Daal Daal"...Sung by Ranjan Bezbaruah & team, Sanskrit lyrics: DrHarekrishna Meher *
*Artists: Ranjan Bezbaruah, (lead vocal), Pronoti Baruah, Krishna Borah, Riturani Mausumi, * Music Arrangement & conduct : Pranjal Borah
* A DD News, 'Vaartavali' Delhi Peroduction
Special Programme on the occasion of Republic Day of India.
(Telecast on DD News Channel on 27 January 2018, Saturday at 5.30 pm.
Further in Sanskrit ‘Vaartavali’ Magazine @ 9.30 pm)
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मूल-हिन्दी-गीतम् : * जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा *
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मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेर:
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रचयन्ति काञ्चन-शकुन्तास्स्वं प्रतिशाखं यत्र कुलायम् ,
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ।
= रचयन्ति काञ्चन-शकुन्तास्स्वं प्रतिशाखं यत्र कुलायम् ,
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ।
अपि सत्यमहिंसा धर्म आस्पदं दधते प्रतिपद-मेयम् ।
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥
(जय भारति ! जय भारति ! जय भारति ! जय भारति !)
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इयमवनी सा ऋषि-मुनि-व्रजो मालां जपतीश्वर-नाम्नः,
(हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ) ।
बालोऽस्ति मोहनः प्रत्येकम् , बाला राधा यद्-धाम्नः ।
बाला राधा यद्-धाम्नः ।
सर्वादौ कुरुते रविरावर्त्तम्, यत्रागतः स्वकीयम् ।
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [१]
*
गङ्गा यमुना प्रवहन्ति यत्र वै कृष्णा-सह-कावेरी,
या उत्तर- दक्षिण-पूर्व-पश्चिमान् पाययन्ति सुधा-वारि ।
पाययन्ति सुधा-वारि ।
फल-पुष्पाणीदं क्वचित् प्रसूते, तनुते केसर-कायम् ।
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [२]
*
वैचित्र्यमयी-धरणेरस्याः पर्वाण्यपि विचित्र-भासः,
क्वचित् प्रदीप्ति-र्दीपावल्याः होली-वर्ण-विलासः ।
होली-वर्ण-विलासः ।
इह राग-रङ्गयो-र्हास्य-मुदानां चतुर्दिशं प्राचुर्यम् ।
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [३]
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यस्मिन् शिवालया मन्दिर-माला गगनं सम्भाषन्ते,
पुनः क्वचिद् वा नगरे द्वारे तालं कोऽपि न दत्ते ।
तालं कोऽपि न दत्ते ।
आयातः प्रेम्णो निनाद्य वेणुम्, उभे प्रभातं सायम् ।
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [४]
= रचयन्ति काञ्चन-शकुन्तास्स्वं प्रतिशाखं यत्र कुलायम् ,
मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥
( जय भारति जय भारति जय भारति जय भीरति
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Original Hindi Song : ‘Jahaan Daal Daal Par’
Film ‘Sikandar-E-Azam (1965) * Lyrics : Rajendra Krishna *
Music : Hansaraj Bahal * Singer : Mohammad Rafi *
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जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ।
= जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ।
जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा ।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [०]
(जय भारति ! जय भारति ! जय भारति ! जय भारति !)
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ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु-नाम की माला,
(हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ)
जहाँ हर बालक इक मोहन है, और राधा इक-इक बाला ।
और राधा इक-इक बाला ।
जहाँ सूरज सबसे पहले आकर डाले अपना फेरा ।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [१]
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जहाँ गंगा जमुना कृष्णा और कावेरी बहती जाये,
जहाँ उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम को अमृत पिलवाये ।
ये अमृत पिलवाये ।
कहीं ये तो फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा ।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [२]
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अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले,
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले ।
होली के कहीं मेले ।
जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी का चारों ओर है घेरा ।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [३]
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जहाँ आसमान से बातें करते मन्दिर और शिवाले,
किसी नगर मे किसी द्वार पर कोई न ताला डाले ।
कोई न ताला डाले ।
और प्रेम की बंशी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा ।
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [४]
= जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ।
= जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा,
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥
(जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती) ॥