Saturday, 10 February 2018

Jahan Dal Dal Par-Sanskrit-Ranjan-DrMeher- DDnews Vaartavali



Sanskrit Version of the Patriotic song " Jahan Dal Dal Par" sung by Ranjan Bezbaruah & team, music: Pranjal, Sanskrit translation by Dr. Harekrishna Meher and prepared and published by DDnews Vaartavali, 27, 1, 2018
Sanskrit Version Of "Jahan Daal Daal"...Sung by Ranjan Bezbaruah & team, Sanskrit lyrics: DrHarekrishna Meher * *Artists: Ranjan Bezbaruah, (lead vocal), Pronoti Baruah, Krishna Borah, Riturani Mausumi, * Music Arrangement & conduct : Pranjal Borah * A DD News, 'Vaartavali' Delhi Peroduction Special Programme on the occasion of Republic Day of India. (Telecast on DD News Channel on 27 January 2018, Saturday at 5.30 pm. Further in Sanskrit ‘Vaartavali’ Magazine @ 9.30 pm) = = = = = मूल-हिन्दी-गीतम् : * जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा * * मूलस्वरानुकूल-संस्कृतानुवादकः - डॉ. हरेकृष्ण-मेहेर: = = = = = रचयन्ति काञ्चन-शकुन्तास्स्वं प्रतिशाखं यत्र कुलायम् , मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् । = रचयन्ति काञ्चन-शकुन्तास्स्वं प्रतिशाखं यत्र कुलायम् , मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् । अपि सत्यमहिंसा धर्म आस्पदं दधते प्रतिपद-मेयम् । मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ (जय भारति ! जय भारति ! जय भारति ! जय भारति !) * इयमवनी सा ऋषि-मुनि-व्रजो मालां जपतीश्वर-नाम्नः, (हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ) । बालोऽस्ति मोहनः प्रत्येकम् , बाला राधा यद्-धाम्नः । बाला राधा यद्-धाम्नः । सर्वादौ कुरुते रविरावर्त्तम्, यत्रागतः स्वकीयम् । मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [१] * गङ्गा यमुना प्रवहन्ति यत्र वै कृष्णा-सह-कावेरी, या उत्तर- दक्षिण-पूर्व-पश्चिमान् पाययन्ति सुधा-वारि । पाययन्ति सुधा-वारि । फल-पुष्पाणीदं क्वचित् प्रसूते, तनुते केसर-कायम् । मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [२] * वैचित्र्यमयी-धरणेरस्याः पर्वाण्यपि विचित्र-भासः, क्वचित् प्रदीप्ति-र्दीपावल्याः होली-वर्ण-विलासः । होली-वर्ण-विलासः । इह राग-रङ्गयो-र्हास्य-मुदानां चतुर्दिशं प्राचुर्यम् । मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [३] * यस्मिन् शिवालया मन्दिर-माला गगनं सम्भाषन्ते, पुनः क्वचिद् वा नगरे द्वारे तालं कोऽपि न दत्ते । तालं कोऽपि न दत्ते । आयातः प्रेम्णो निनाद्य वेणुम्, उभे प्रभातं सायम् । मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ [४] = रचयन्ति काञ्चन-शकुन्तास्स्वं प्रतिशाखं यत्र कुलायम् , मम भारत-देशः सोऽयम्, मम भारत-देशः सोऽयम् ॥ ( जय भारति जय भारति जय भारति जय भीरति ......... ....... Original Hindi Song : ‘Jahaan Daal Daal Par’ Film ‘Sikandar-E-Azam (1965) * Lyrics : Rajendra Krishna * Music : Hansaraj Bahal * Singer : Mohammad Rafi * = = = = = = जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा, वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा । = जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा, वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा । जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा । वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [०] (जय भारति ! जय भारति ! जय भारति ! जय भारति !) * ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु-नाम की माला, (हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ) जहाँ हर बालक इक मोहन है, और राधा इक-इक बाला । और राधा इक-इक बाला । जहाँ सूरज सबसे पहले आकर डाले अपना फेरा । वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [१] * जहाँ गंगा जमुना कृष्णा और कावेरी बहती जाये, जहाँ उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम को अमृत पिलवाये । ये अमृत पिलवाये । कहीं ये तो फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा । वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [२] * अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले, कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले । होली के कहीं मेले । जहाँ राग-रंग और हँसी-खुशी का चारों ओर है घेरा । वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [३] * जहाँ आसमान से बातें करते मन्दिर और शिवाले, किसी नगर मे किसी द्वार पर कोई न ताला डाले । कोई न ताला डाले । और प्रेम की बंशी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा । वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ [४] = जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती हैं बसेरा, वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा । = जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा, वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा ॥ (जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती) ॥

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